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2023 February 22 | Second Shift | Question No 30 | |
Explanation | व्याख्या |
Option (a) is correct. Both Statement I and Statement II are true. Statement I reflects the perspective of the classical Indian school of Logic, particularly Nyaya. According to Nyaya, the relation of universal concomitance between two entities, x and y, is determined by observing that in all cases where x is present, y is also present, without perceiving any instances to the contrary. This is a valid method of establishing a universal relationship. Statement II represents the viewpoint of classical Indian materialists who argue that establishing a universal relationship between events is not possible due to the inherent doubt about unobserved cases. This acknowledges the limitations of establishing a universal relation. विकल्प (a) सही है। शास्त्रीय भारतीय तर्कशास्त्र न्यायमत के अनुसार दो संस्थाओं X और Y के बीच सार्वभौमिक सामंजस्य का संबंध यह देखकर निर्धारित किया जाता है, कि सभी मामलों में जहां X मौजूद है, Y भी मौजूद है, इसके विपरीत कोई दृष्टान्त नहीं है। यह एक सार्वभौमिक संबंध स्थापित करने का एक वैध तरीका है। अतएव कथन I सत्य है। चूँकि अप्रेक्षित विषयों के बारे में सदैव सन्देह की संभावना होती है इसलिए किन्ही दो परिघटनाओं के बीच सार्वभौमिक सम्बन्ध स्थापित नहीं किया जा सकता। इसलिए भारतीय शास्त्रीय भौतिकवादियों का यह तर्क भी सत्य है। |
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